छत्तीसगढ़

मुख्य चिकित्सा अधिकारी और खंड चिकित्सा अधिकारी द्वारा दिए गए आदेश को भी नहीं मानती “अंजली प्रसाद”।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी और खंड चिकित्सा अधिकारी द्वारा दिए गए आदेश को भी नहीं मानती “अंजली प्रसाद”।

डोमनहिल शहरी स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ नर्स के पद पर पदस्त जिनकी मूल पदस्थापना चिरमिरी बड़ा बाजार के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में है लेकिन इन्हें कुछ दिनों के लिए डोमनहिल के शहरी स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ की कमी को देखते हुए डोमनहिल में अटैच किया गया था

जिसके बाद वर्ष 2024 में 04 नवंबर को मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा अंजली प्रसाद को उनके मूल पदस्थापना वाली जगह पर जाने के लिए आदेश जारी किया गया इस आदेश को ध्यान में रखते हुए खंड चिकित्सा अधिकारी ने भी दिनांक 05 नवंबर 2024 को ही इन्हें रिलीव करने के लिए आदेश जारी कर दिया

पर आज दिनांक तक अंजली प्रसाद अपने मूल पदस्थापना वाली जगह पर नहीं गई इससे एक बात तो साफ है कि अंजली प्रसाद ने दोनों अधिकारियों के आदेश को हवा में उड़ा दिया है और डोमनहिल में ही आज भी कार्य कर रही हैं जबकी आपकी जानकारी के लिए बता दें कि खंड चिकित्सा अधिकारी के आदेश में साफ साफ लिखा गया था कि “लेखा शाखा स्थानीय कार्यालय को आदेशित किया जाता है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिरमिरी से उपस्थित पत्रक लेवे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिरमिरी में उपस्थिति नहीं दिए जाने की दशा में उक्त कर्मचारी का वेतन रोके जाने हेतु निर्देश किया जाता है”

अब सवाल यह उठता है कि जब वेतन रोकने तक का आदेश जारी हो चुका था तो ऐसे में भी आखिर अंजली प्रसाद “सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र” वापस क्यों नहीं गई?क्या अंजली प्रसाद के सर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और खंड चिकित्सा अधिकारी से भी बड़े किसी अधिकारी का हाथ है? जिसके कारण आदेश जारी होने के बाद भी अंजली प्रसाद डोमनहिल में ही अपने पैर जमाए बैठी है?या फिर ये मान लिया जाए की मुख्य चिकित्सा अधिकारी और खंड चिकित्सा अधिकारी से भी ऊंचा कद हो गया है अंजली प्रसाद का?जिन्होंने दो-दो आदेश जारी होने के बाद भी डोमनहिल में ही सुचारू ढंग से काम कर रही है और उसे वेतन का लाभ भी मिल रहा है?,और उससे भी बड़ा सवाल की “क्या अंजली प्रसाद का वेतन रिकवरी किया जाएगा?
क्योंकि
रिलीविंग आर्डर के बाद भी डोमनहिल के शहरी स्वास्थ्य केंद्र में किसके आदेश पर कार्य कर रही थी
और अगर आदेश ही नहीं था तो इनका वेतन किस आधार पर और कैसे बन रहा था?
अब क्या कारण है यह तो अधिकारी ही जाने।

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