क्राइमछत्तीसगढ़

वन विभाग पूर्व रेंजर हीरालाल सेन से निभा रहा है रिस्तेदारी।

एमसीबी ज़िलें का हाई प्रोफाइल मामला जिसमे एक लड़की को नौकरी का झांसा देकर पांच वर्षो तक शारीरिक शोषण करने के आरोप मे मनेन्द्रगढ़ वन विभाग के पूर्व वन परिक्षेत्र अधिकारी हीरालाल सेन और पत्रकार मुश्ताक कुरैशी

के साथ ही प्रदीप चक्रधारी के नाम से लड़की ने मामला पंजिबद्ध कराया थाजि समे हीरालाल सेन और पत्रकार मुश्ताक कुरैशी पुलिस की गिरफ्त मे है

लेकिन तीसरा आरोपी अभी भी पुलिस की पहुंच से बाहर है और तीसरे आरोपी तक पुलिस के हाथ कब तक पहुंचेंगे ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।,माना जा रहा है की पोड़ी पुलिस इस मामले मे ईमानदारी से काम नही कर रही है लेकिन वहीं दूसरी तरफ वन विभाग

पुरी ईमानदारी से अपने विभाग से सेवा निवृत्त हुए मनेन्द्रगढ़ के पूर्व वन परिक्षेत्र अधिकारी हीरालाल सेन

से रिस्तेदारी निभा रहा है जी हां जानकारी मिल रही है की पिछले दिन (सोमवार) वनविभाग से दो कर्मचारी जिसमे एक डिप्टी रेंजर और एक बिटगार्ड विभाग

के द्वारा आदेश की एक प्रति लेकर पीड़िता के घर जाँच के लिए पहुंचे थे,डिप्टी रेंजर ने बताया की किसी व्यक्ति द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई है

की पीड़िता के घर पर फर्नीचर बनाने के लिए जिन इमारती लकड़ियों का इस्तेमाल किया गया है वह लकड़ियाँ अवैध है,अब लकड़ियाँ वैध है या अवैध यह तो जाँच का विषय है लेकिन इस पूरे घटना क्रम से एक बात तो साफ साफ समझ मे आ गई है की वन विभाग पुरी ईमानदारी से हीरालाल सेन से अपनी रिस्ते दारी निभा रही है क्यों की अगर ऐसा नही होता तो जिस घर मे तलाशी के लिए वन विभाग ने अपने लोगों को भेजा था उस घर की तलाशी के आदेश पर पीड़िता का नही बल्कि उसके पिता का नाम होता,विभाग जल्दबाज़ी मे रिस्तेदारी निभा कर अपने आप को वफ़ादार साबित करने के चक्कर मे यह भी भूल गया की जिस घर मे तलाशी के लिए दो पुरुष कर्मियों को भेज रही है वहाँ पुरुष के नाम पर एक नाबालिक लड़के के साथ मे पीड़िता और उसकी माँ रहती है ऐसे मे एक भी महिला वन कर्मी का साथ ना होना इस बात की गवाही देता है की वन विभाग अपने विभाग से सेवा निवृत्त हुए मनेन्द्रगढ़ के पूर्व वन परिक्षेत्र अधिकारी हीरालाल सेन के साथ ईमानदारी के साथ रिस्तेदारी निभा रहा है।मामले की गंभीरता को ध्यान मे रखते हुए अगर पुलिस ने भी ईमानदारी से पीड़िता के साथ सहानुभूति दिखाते हुए अगर तीसरे आरोपी को गिरफ्तार कर ली होती तो आज पीड़िता और पीड़िता का परीवार डर के साये मे ज़िंदगी बिताने को मजबूर ना होते,बहरहाल अब देखना होगा की आखिर कब वन विभाग की तरह पुलिस भी इस मामले मे ईमानदारी दिखाती है और तीसरे आरोपी को गिरफ्तार करती है?

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!